Wednesday, March 25, 2020

कोरोना वायरस (Corona virus/COVID-19) क्या हैं ?

कोरोना वायरस

कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है.

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण (coronavirus symptoms) ?
इसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं. संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है. कुछ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है. खास तौर पर अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारी है.

क्या हैं इससे बचाव के उपाय?
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए. अल्‍कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है. खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढककर रखें. जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें. अंडे और मांस के सेवन से बचें. जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें 

इनसान के बाल से 900 गुना छोटा है कोरोना
क्या आप जानते हैं कि कोरोना वायरस यानी कि Coronavirus disease (COVID-19) बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है. कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है. आकार में इस छोटे वायरस ने पूरी दुनिया को डरा दिया है. इसका खौफ आज दुनियाभर में दिख रहा है.

Wednesday, July 27, 2016

सुल्तान (2016 फ़िल्म)

सुल्तान भारतीय हिन्दी फ़िल्म है, जिसका निर्देशन अली अब्बास जाफ़र ने तथा इसका निर्माण आदित्य चोपड़ा ने किया है। इसमें मुख्य किरदार में सलमान खान और अनुष्का शर्मा हैं।
सुल्तान अली खान (सलमान खान) एक माध्यम आयु का पूर्व-पहलवान था, जो हरियाणा के एक छोटे से शहर में रहता था। आकाश ओबेरॉय (अमित साध) एक "प्रो टेक-डाउन" लीग का मालिक रहता है। वह इसे बहुत प्रसिद्ध करने के लिए एक भारतीय पहलवान को रखना चाहता है। इसके लिए वह सुल्तान से बात करता है, लेकिन सुल्तान साफ साफ मना कर देता है। आकाश अब उसके पहलवानी छोड़ने का कारण जानने के लिए उसके दोस्त गोविन्द (अनंत शर्मा) से बात करता है।
इसके बाद गोविन्द उसे आठ साल पहले की कहानी बताता है, जब सुल्तान को आफरा (अनुष्का शर्मा) से प्यार हो जाता है। लेकिन आफरा उसे मना कर देती है। सुल्तान इसके बाद कई महीने तक बहुत मेहनत करता है और पहलवानी के एक मुक़ाबले में हिस्सा लेता है। इस मुक़ाबले के जीतने के बाद जल्द ही आफरा और उसकी शादी हो जाती है और वो राष्ट्रीय स्तर का पहलवान बन जाता है।
कुछ समय बाद आफरा माँ बनने वाली होती है और पहलवानी छोड़ देती है। जिस दिन उसका बच्चा होने वाला होता है, उसी दिन वह एक और मुक़ाबले में जाता है और जब वापस आता है तो उसे पता चलता है कि उसका बच्चा खून की कमी के कारण मर गया है। उसका खून ओ+ होता है, जो सुल्तान का भी होता है। लेकिन उसके नहीं रहने के कारण कोई और खून देने वाला भी नहीं मिलता है। इस कारण आफरा उसे ही उस बच्चे के मरने का कारण सोचती है। इसके बाद सुल्तान अकेला वहाँ रक्त-बैंक बनाने के लिए पैसे जमा करने लगता है।
इस बात का पता चलते ही आकाश सुल्तान को बोलता है कि यदि वह लीग में हिस्सा ले लेता है तो उसे उसका सपना पूरा करने के लिए पूरे पैसे मिल जाएँगे। सुल्तान मान जाता है और उसके साथ दिल्ली चले जाता है। लेकिन तब तक उसका शरीर बेढंगा और मोटा रहता है। इस कारण वह उसे फतेह सिंह (रणदीप हुड्डा) के पास छोड़ देता है, जहाँ वह कुछ सप्ताह के लिए अभ्यास करता है। पूरी तरह सेहतमंद होने के बाद पहले ही मुक़ाबले में सुल्तान जीत जाता है। लेकिन सेमी-फाइनल में उसे बहुत बुरी तरह चोट लग जाती है और वह अस्पताल में भर्ती हो जाता है। डॉक्टर आकाश को कहते हैं कि जब तक वह पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता, उसे लड़ाई नहीं करनी चाहिए। इसके बाद आफरा अस्पताल आ जाती है और उसे इस काम को पूरा करने के लिए बोलती है। सुल्तान दर्द के बाद भी इस प्रतियोगिता को जीत जाता है और सुल्तान और आफरा फिर से एक हो जाते हैं। इसके बाद सुल्तान अपने इनाम के पैसों से एक ब्लड-बैंक बनाता है। इसके कुछ वर्षों के बाद आफरा एक बच्ची को जन्म देती है।
निर्देशकअली अब्बास जाफ़र
निर्माताआदित्य चोपड़ा
अभिनेतासलमान खान
अनुष्का शर्मा
रणदीप हुड्डा
संगीतकारविशाल-शेखर
संपादकरामेश्वर भगत
स्टूडियोयश राज फिल्म
देशभारत
भाषाहिन्दी
लागतभारतीय रुपया70 करोड़ (US$10.22 मिलियन)
कुल कारोबारभारतीय रुपया 522.06 करोड़
लापता AM-32 विमान के मिले सुराग

सरकार ने कहा है कि चार दिन पहले 29 लोगों के साथ लापता हुए ए एन-32 विमान के सिलसिले में चार-पांच मामूली सुराग मिले हैं। 
हालांकि अभी तक कोई स्‍पष्‍ट जानकारी उपलब्‍ध नहीं हुई है। राज्‍यसभा में प्रश्‍नकाल के दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने जोर देकर कहा कि सरकार ने लापता विमान का पता लगाने के सिलसिले में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। 

इस उद्देश्‍य के लिए उपग्रह इमेजरी का इस्‍तेमाल किया गया और तीस पोत तथा पनडुब्बियां लगा दी गई हैं।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि आज
आज भारत रत्न ए पी जे अब्दुल कलाम की पुन्यतिथि है। एक महान वैज्ञानिक और मिसाईल मैन के रुप में उन्होने देश को परमाणु शक्ति बनाया। एक शिक्षक के तौर पर उन्होने युवाओ का मार्गदर्शन किया देश को 2020 का विज़न दिया। कृतज्ञ राष्ट्र उन्हे नमन करता है।
एक नेक शख्सियत, एक महान वैज्ञानिक और एक श्रेष्ठ पथपदर्शक भारत रत्न अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम के धनुषकोडी गाँव के एक मध्यमवर्ग परिवार में हुआ।

रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में उनका प्ररंभिक शिक्षा शुरु हुआ। जीवन आभावों के बीच गुजरा। पढ़ाई जारी रखने के लिए अख़बार बेचना पड़ा। 1958 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, यहां से उनकी विज्ञान की यात्रा शुरु हुई। हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिये भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश मिला। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आये जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई।

परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े। डॉक्टर अब्दुल कलाम को भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल है। भारत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बनने का गौरव हासिल हुआ। इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने की कामयाबी हासिल हुई। डॉक्टर कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र को डिजाइन किया। देश को अग्नि और पृथ्वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों से लैस किया।

कलाम के सफल नेतृत्व में ही भारत दुनिया की परमाणु शक्तियों की कतार में आखड़ा हुआ। देशवासियों ने उन्हें नाम दिया मिसाइल मैन। एक दार्शनिक के रुप में भारत को 2020 तक विकास के पथ रास्ता दिखाया।

वे देश के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। इसके बाद वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। राष्ट्र सेवा के लिए उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। इससे पहले 1990 पद्म विभूषण और 1981 पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 40 से अधिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हुई।

27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में व्याख्यान दे रहे थे इस बीच उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वे बेहोश हो कर गिर पड़े। लगभग 6:30 बजे गंभीर हालत में इन्हें बेथानी अस्पताल ले जाया गया और दो घंटे के बाद उनके देहांत की पुष्टि कर दी गई। कलाम चिरनिद्रा में लीन हो गये। जीवन के संघर्षों के बीच कामयाबी सबक और अभावों में उम्मीदों की किरण थे कलाम एक कर्म योगी और सच्चे देश भक्त को कृत्ज्ञय राष्ट्र नमन करता है।

Thursday, June 23, 2016

About Vidya Lakshmi


Shri Arun Jaitley, Honourable Union Finance Minister in his budget speech for FY 2015-16 said:"India is one of the youngest nations in the world with more than 54% of the total population below 25 years of age. Our young people have to be both, educated and employable for the jobs of the 21st century.. The Prime Minister has explained how Skill India needs to be closely coordinated with Make in India. Yet, today less than 5% of our potential workforce gets formal skill training to be employable and stay employable. With a view to enable all poor and middle class students to pursue higher education of their choice without any constraint of funds, I propose to set up a fully IT based Student Financial Aid Authority to administer and monitor Scholarship as well Educational Loan Schemes, through the Pradhan Mantri Vidya Lakshmi Karyakram. We will ensure that no student misses out on higher education for lack of funds. The IT based mechanism under the Pradhan Mantri Vidya Lakshmi Karyakram is expected to provide to students a single window electronic platform for Scholarships and Educational Loans."
Vidya Lakshmi is a first of its kind portal for students seeking Education Loan. This portal has been developed under the guidance of Department of Financial Services, (Ministry of Finance) , Department of Higher Education (Ministry of Human Resource Development) and Indian Banks’ Association (IBA).The portal has been developed and being maintained by NSDL e-Governance Infrastructure Limited (hyperlink to the information of NSDL e-Gov). Students can view, apply and track the education loan applications to banks anytime, anywhere by accessing the portal. The portal also provides linkages to National Scholarship Portal.

About Vidya Lakshmi


Shri Arun Jaitley, Honourable Union Finance Minister in his budget speech for FY 2015-16 said:"India is one of the youngest nations in the world with more than 54% of the total population below 25 years of age. Our young people have to be both, educated and employable for the jobs of the 21st century.. The Prime Minister has explained how Skill India needs to be closely coordinated with Make in India. Yet, today less than 5% of our potential workforce gets formal skill training to be employable and stay employable. With a view to enable all poor and middle class students to pursue higher education of their choice without any constraint of funds, I propose to set up a fully IT based Student Financial Aid Authority to administer and monitor Scholarship as well Educational Loan Schemes, through the Pradhan Mantri Vidya Lakshmi Karyakram. We will ensure that no student misses out on higher education for lack of funds. The IT based mechanism under the Pradhan Mantri Vidya Lakshmi Karyakram is expected to provide to students a single window electronic platform for Scholarships and Educational Loans."
Vidya Lakshmi is a first of its kind portal for students seeking Education Loan. This portal has been developed under the guidance of Department of Financial Services, (Ministry of Finance) , Department of Higher Education (Ministry of Human Resource Development) and Indian Banks’ Association (IBA).The portal has been developed and being maintained by NSDL e-Governance Infrastructure Limited (hyperlink to the information of NSDL e-Gov). Students can view, apply and track the education loan applications to banks anytime, anywhere by accessing the portal. The portal also provides linkages to National Scholarship Portal.
भारत की अंतरिक्ष के क्षेत्र में रिकॉर्ड उड़ान
अंतरिक्ष में नया इतिहास रचते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने बुधवार को एक साथ 20 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया। इन उपग्रहों में 17 विदेशी उपग्रह हैं, जिन्हें इसरो ने अपने अग्रणी रॉकेट PSLV-C34 से प्रक्षेपित किया। इस कदम से दुनिया में भारतीय वैज्ञानिकों ने अपना लोहा एक बार फिर मनवाया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने श्रीहरिकोटा से कार्टोसेट-दो मिशन के तहत पहली बार रिकॉर्ड बीस उपग्रहों का प्रक्षेपण किया। इसरो के इतिहास में ये पहला मौका है, जब एक साथ इतने उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को इस सफलता के लिए बधाई दी है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बुधवार को अग्रणी रॉकेट PSLV-C34 से 17 विदेशी उपग्रह सहित रिकॉर्ड 20 उपग्रहों का ऐतिहासिक प्रक्षेपण किया। इसरो का रिकॉर्ड उपग्रहों को भेजने का ये अभियान सफल रहा।

बहुपयोगी प्रक्षेपण यान भारत के कार्टोसेट-दो श्रृंखला के उपग्रह को प्राथमिक उपग्रह के तौर पर प्रक्षेपित किया गया और इसके अलावा 19 अन्य सूक्ष्म और नैनो उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। ये उपग्रह बुधवार सुबह नौ बजकर 26 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे प्रक्षेपण स्थल से छोड़े गए।

तीन सौ बीस टन वजन वाले PSLV के जरिए कनाडा, इंडोनेशिया, जर्मनी और अमेरिका जैसे देशों के सत्रह छोटे उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। इसरो ने एक साथ ही 20 उपग्रह छोड़कर अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इसरो ने इससे पहले 2008 में दस उपग्रहों को एक साथ छोड़ा था। प्रक्षेपित किए गए कार्टोसैट-2 उपग्रह के जरिए पृथ्वी की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें ली जाएंगी ताकि धरती पर होने वाले हर छोटे से छोटे बदलाव की जानकारी ली जा सकेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इसरो अब तक लगभग बीस देशों के 57 उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित कर चुका है। 2016 से 2017 तक इसरो का लक्ष्य 25 से ज्यादा उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजना है।